स्कूल में ब्रा पहनकर जाना सही या गलत?
लडकिया बड़ी होती हैं तो बहुत-सी चीज़ें
उनके साथ जुड़ती चली जाती हैं। उनका बढ़ना नैचुरल है और उस ‘विकास’ को
छिपाना सामाजिक। नैतिकता की जिल्द चढ़ा कर उन्हें बहुत कुछ छिपाने की नेक
सलाह दी जाती है। उनके बड़े होते ही बहुत-सी चीज़ें उनकी दिनचर्या में जुड़
भी जाती हैं जैसे हेयर-रिमूवर, सैनिटरी नैपकिंस और ब्रा।
ये सभी चीज़ें उनके लिए कहीं न कहीं ज़रूरी भी हैं। पर जिस अंदाज़ में
इन्हें उनपर थोपा जाता है वो कितना सही है इसपर एक बार विचार करने की
ज़रूरत है। वो उनके भले के लिए’ अपनाया गया अलोकतांत्रिक तरीका होता है।
मोंटाना के एक हाईस्कूल की लड़की की
हेडटीचर ने सिर्फ़ इसलिए क्लास ली क्योंकि वो ब्रा पहनकर नहीं आई थी। इन
स्कूलों में यूनिफॉर्म का कोई कल्चर नहीं है और बच्चे कैज़ुअल कपड़े पहनकर
आने के लिए स्वतंत्र हैं। केटलिन जुविक मई में एक दिन एक ऑफ शोल्डर ब्लैक
टी-शर्ट पहनकर गई थी। उसने टी-शर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी पर
निप्पल-स्टीकर्स लगाए थे ताकि टी-शर्ट के ऊपर से कुछ पता न चले। टी-शर्ट का
फैब्रिक भी मोटा था। किसी ने शिकायत कर दी कि जिस तरीके से केटलिन
ड्रेस-अप हुई है उससे वो शख़्स अनकम्फर्टेबल हो रहा है और इस पर हेडटीचर ने
केटलिन को फटकारा।
उस स्कूल में कोई ड्रेस कोड भी नहीं है
फिर भी उसे ‘सभ्य कपड़े’ पहनने चाहिए थे क्योंकि उसकी इस असभ्यता से कोई
अनकम्फर्टेबल हो रहा है। टीचर ने डांटते हुए यह कहा कि या तो वो ब्रा पहनकर
आए या फिर अच्छे से कवर-अप रहा करे।
केटलिन ने कहा कि उसे जो बात अपमानजनक लगी
वो ये कि उसकी बॉडी से कोई और क्यों अनकम्फर्टेबल हो रहा है? ये उसकी
नैचुरल बॉडी है, इसे लेकर कोई और क्यों कुछ फील करेगा? उस वक्त केटलिन ने
जिस तरीके से कपड़े पहने थे उसमें अगर कोई बहुत पास जाकर चेक करने के ही
उद्देश्य से न देखे तो पता न चलेगा कि ब्रा पहनी गई है या नहीं। इस अपमान
से आहत होकर केटलिन ने एक मुहीम छेड़ी है। उसने अपनी दो सहेलियों के साथ
मिलकर फेसबुक पर एक ग्रुप भी बनाया है जिसे No Bra No Problem नाम दिया है।
फिलहाल इससे 2,599 लोग जुड़े हुए हैं। इस पेज के जरिए केटलिन का लक्ष्य है
स्कूलों में हो रहे इस भेदभाव को खत्म करना और लड़कियों को ये हक देना कि
वो बिना ब्रा के स्कूल जा सकें।
केटलिन के समर्थन में हेलेना हाईस्कूल
(जिसमें केटलिन पढ़ती है) के सामने कुछ लड़कों ने इस भेदभाव का विरोध अपनी
टी-शर्ट के ऊपर ब्रा पहन कर किया। लोगों ने यह देखकर पुलिस को सूचित किया
पर पुलिस की ओर से कोई कार्यवायी नहीं हुई क्योंकि कोई क्राइम नहीं हुआ था।
इस पूरे मामले में दो तरह से सोचा जा सकता
है। पहला ये कि ब्रा पहनने में समस्या क्या है? ब्रा क्यों नहीं पहनना
चाहिए.. आखिर ये लड़कियों के लिए ही है और सही कहें तो ये स्वास्थ्य के
आधार पर भी ब्रा पहनना अच्छा है। इसपर ये टिप्पणी भी की जा सकती है कि
विरोध करने का प्रचलन हो गया है। हम आजकल हर उस चीज़ का विरोध करने लग रहे
हैं जिसको लेकर हम पर थोड़ी भी सख़्ती बरती जाती है, फिर चाहें हम गलत ही
क्यों न हों। और फिर कुछ लोगों की जमात हमारा समर्थन करने भी आ जाती है।
दूसरा पक्ष ये भी हो सकता है कि ठीक है ब्रा पहनना ज़रूरी है, पर दिन भर
पहनना सेहत के लिए भी अच्छा नहीं होता। ब्रा इसलिए ज़रूरी है कि स्तनों की
मांसपेशियां अपनी जगह पर रहें और स्तन ढीले न हों। पर स्तन ठीक रहें क्या
इसलिए हमें ब्रा पहनने की सलाह मिल रही है? नहीं, हमें ब्रा इसलिए पहननी है
ताकि लोग ठीक रह सकें। अगर बात स्तनों की है तो भी इस निर्णय को लड़कियों
पर छोड़ा जा सकता है कि उन्हें ये पहननी है या नहीं।