फेफड़ों के कैंसर का कारण, लक्षण और रोकथाम
फेफड़े का कैंसर दूसरा सबसे आम पाए जाने वाला कैंसर हैं जो औरतों और पुरुषों दोनों में मौत के खतरे को बढ़ाती है।
फेफड़े का कैंसर होने के कारण
तंबाकूः
ज्यादातर फेफड़ों का कैंसर उन लोगों को होता हैं जो तंबाकू का सेवन करते हैं। ये फेफड़ों के सैल को तोड़ देता हैं जिससे सैल असाधारण रूप से बढ़ने लगते हैं जो कैंसर की वजह बनते हैं।
एस्बेस्टोस (asbestos)
एस्बेस्टोस एक पत्थर हैं जो इमारतों के लिए इस्तेमाल की जाती है। इससे निकलने वाले धुएं को अगर व्यक्ति सांस के दौरान अंदर ले जाता हैं तो फेफड़ों को प्रभावित करता है। इस लंग कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
राडोन (radon)
यह मिट्टी से पैदा होने वाली बदबूदार गैसें हैं। इसके संपर्क में आने से लंग कैंसर होेने का खतरा बढ़ जाता है।
लक्षणः
फेफड़े के कैंसर वाले रोगी में यह लक्षण आमतौर पर दिखाई देते हैं।
-थकावट
-खांसी
-सांस लेने में परेशानी
-छाती में दर्द
-भूख कम लगना
-बलगम से खून निकलना
- खांसी के साथ बलगम आना
वैसे यह जरूरी नहीं कि यह लक्षण कैंसर के ही हैं लेकिन इस लक्षणों के दिखाई देने पर समय रहते डाक्टरी जांच जरूर करवाएं।
मिले-जुले इलाजः
फेफड़े के रोगी का इलाज किसी एक माहिर डाक्टर द्वारा नहीं किया जाता ब्लकि अलग अलग माहिर डाक्टरों द्वारा किया जाता है। जैसे कीमोथैरेपी, कई बार ऑप्रैशन के बाद या पहले या ऑप्रैशन के दौरान या रैडीएेशन थैरेपी के बाद की जाती है।
फेफड़े का कैंसर होने के कारण
तंबाकूः
ज्यादातर फेफड़ों का कैंसर उन लोगों को होता हैं जो तंबाकू का सेवन करते हैं। ये फेफड़ों के सैल को तोड़ देता हैं जिससे सैल असाधारण रूप से बढ़ने लगते हैं जो कैंसर की वजह बनते हैं।
एस्बेस्टोस (asbestos)
एस्बेस्टोस एक पत्थर हैं जो इमारतों के लिए इस्तेमाल की जाती है। इससे निकलने वाले धुएं को अगर व्यक्ति सांस के दौरान अंदर ले जाता हैं तो फेफड़ों को प्रभावित करता है। इस लंग कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
राडोन (radon)
यह मिट्टी से पैदा होने वाली बदबूदार गैसें हैं। इसके संपर्क में आने से लंग कैंसर होेने का खतरा बढ़ जाता है।
लक्षणः
फेफड़े के कैंसर वाले रोगी में यह लक्षण आमतौर पर दिखाई देते हैं।
-थकावट
-खांसी
-सांस लेने में परेशानी
-छाती में दर्द
-भूख कम लगना
-बलगम से खून निकलना
- खांसी के साथ बलगम आना
वैसे यह जरूरी नहीं कि यह लक्षण कैंसर के ही हैं लेकिन इस लक्षणों के दिखाई देने पर समय रहते डाक्टरी जांच जरूर करवाएं।
मिले-जुले इलाजः
फेफड़े के रोगी का इलाज किसी एक माहिर डाक्टर द्वारा नहीं किया जाता ब्लकि अलग अलग माहिर डाक्टरों द्वारा किया जाता है। जैसे कीमोथैरेपी, कई बार ऑप्रैशन के बाद या पहले या ऑप्रैशन के दौरान या रैडीएेशन थैरेपी के बाद की जाती है।