देश में Stock Exchange और शेयर मार्केट का ये इतिहास हैरान कर देगा

10 जुलाई को शेयर बाजार तकनीकी कारणों से बंद रहा. हम शेयर बाजार, Stock Exchange या कहें तो शेयरों की दलाली के बारे में अक्सर सुनते हैं, आइए जानते हैं भारत में इसकी शुरुआत और अब तक के विकास के बारे में खास जानकारी-
Stock Exchange
(फोटो: Dinodia Photo Library)

देश का पहला Stock Exchange

  • भारत में शेयरों की दलाली का काम 1857 से पहले ही शुरू हो गया था. लेकिन मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना साल 1875 में हुई.
  • ये एशिया का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज था, पहले इसे नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकिंग एसोसिएशन कहा जाता था.
  • दुनिया के सबसे पहले Stock Exchange की स्थापना न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के तौर पर 1792 में हुई.
  • भारत में स्टॉक मार्केट की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी के आने के साथ हुई.
  • जो ब्रिटिश लोग भारत के साथ व्यापार करना चाहते थे उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की.

कौन थे इसके संस्थापक?

  • मुंबई Stock Exchange के संस्थापकों में सबसे बड़ा नाम प्रेमचंद रायचंद का था्. जिन्हें, ‘कपास किंग’ कहा जाता था.
  • प्रेमचंद रायचंद और दूसरे 21 व्यापारियों ने केले के एक पेड़ के नीचे बैठ कर पहली सौदेबाजी की थी. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज जिस गली में है उसे ‘दलाल स्ट्रीट’ कहते हैं.
  • साल 1928 में बंबई स्टाक एक्सचेंज (BSE) की बिल्डिंग बनी. पिछले करीब एक सदी से यह भारत के शेयर बाजार का प्रतीक है.

घोटाले तो हर जगह होते हैं

मुंबई Stock Exchange का पहला घोटाला इसके संस्थापक प्रेमचंद रायचंद ने ही किया था. उन्होंने अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान कपास की सौदेबाजी में काफी पैसा कमाया. इस गृह युद्ध की वजह से ब्रिटेन की मिलों को कपड़ा अब हिन्दुस्तान से जाने लगा था. इसके चलते रायचंद की कंपनी के शेयर दिनों-दिन महंगे होते गए. रायचंद ने अपने नाम का इस्तेमाल करके उनके शेयर भी आसमान छूती कीमतों पर बिकवाए.
1865 में अमेरिका में गृह युद्ध बंद हुआ तो भारत की कंपनियों के शेयर्स रातों-रात ज़मीन पर आ गिरे. सबसे ज्यादा नुकसान प्रेमचंद रायचंद की कंपनी को हुआ. बैंक ऑफ़ बॉम्बे का भी पैसा उनकी कंपनियों में लगा हुआ था लिहाज़ा वो भी धराशायी हो गया. ये देश का सबसे पहला स्टॉक मार्केट घोटाला था.

धीरूभाई अंबानी का योगदान

धीरुभाई अंबानी के सक्रिय होने के बाद लोगों ने Stock Exchange और शेयर मार्केट पर ध्यान देना शुरू कर दिया. वो पहले शख्स थे जिन्होंने आम आदमी को इससे जोड़ा.

मुंबई Stock Exchange के बारे में खास जानकारी

  • स्टॉक मार्केट में पब्लिक लिमिटेड कंपनियां रजिस्टर्ड होती हैं.
  • ये कंपनियां बाज़ार से आईपीओ के ज़रिये पैसा उठा सकती हैं या फिर यहां इनके शेयरों की खरीद-फ़रोख्त होती है.
  • देश में इस वक्त तकरीबन 15 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां हैं और उनमे से सिर्फ 5 हजार ही मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड हैं.
  • ये दुनिया का ग्यारहवां सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट है. अक्टूबर 2013 में यह दुनिया का सबसे तेज स्टॉक मार्केट बन गया

सेंसेक्स की स्थापना

  • साल 1986 में एक संवेदी सूचकांक या सेंसेक्स बनाया गया.
  • सेंसेक्स में बीएसई में सबसे बड़े और सबसे सक्रिय शेयरों में से ऐसे 30 शेयर शामिल होते हैं जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
  • इनके भावों के हिसाब से सेंसेक्स ऊपर चढ़ता है और इसका उलटा होता है तो ये नीचे आता है. सेंसेक्स भारतीय शेयर बाजार की नाड़ी जैसा है.
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