क्या आप जानते हैं श्रीलंका में आज भी मौजूद है रामायण काल के ये प्रसिद्ध स्थान

ये तो सभी जानते हैं कि हिन्दुओं के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण का बहुत गहरा संबंध श्रीलंका से हैं। और ये भी हम सभी जानते हैं कि रावण, सीता का हरण करके लंका ही ले गया था। श्रीलंका में आज भी कुछ ऐसी जगह मौजूद है जिनका संबंध रामायण काल से माना जाता है। हम आपको यहां ऐसी 6 चीज़ों के बारे में बता रहे हैं।

पुष्पक विमान स्थल

सिन्हाला शहर में वेरागनटोटा नाम की एक जगह है, जिसका मतलब ‘विमान उतरने की जगह’ होता है। कहते हैं कि यही वो जगह है, जहां रावण का पुष्पक विमान उतरता था।

युद्ध स्थान
श्रीलंका रामायण रिसर्च कमेटी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अबतक हुए अनुसंधान में भगवान हनुमान का श्रीलंका में उत्तर दिशा में एंट्री प्वायंट नागदीप से शुरु होने के निशान मिले हैं। अनुसंधान के दौरान उस स्थान की भी तलाश पुरी कर ली गई है, जिस जगह पर राम व रावण के बीच भीषण व निर्णायक जंग हुई थी। श्रीलंका में आज भी उस युद्घ-स्थान को युद्घागनावा नाम से जाना जाता है जहां पर रावण का भगवान राम ने वध किया था।

अशोक वाटिका
अशोक वाटिका वो जगह है जहां रावण ने माता सीता को रखा था। आज इस जगह को सेता एलीया के नाम से जाना जाता है, जो की नूवरा एलिया नामक जगह के पास स्थित है। यहां आज सीता का मंदिर है और पास ही एक झरना भी है। कहते हैं देवी सीता यहां स्नान किया करती थीं। इस झरने के आसपास की चट्टानों पर हनुमान जी के पैरों के निशान भी मिलते हैं। यहां वो पर्वत भी है जहां हनुमान जी ने पहली बार कदम रखा था, इसे पवाला मलाई कहते हैं। ये पर्वत लंकापुरा और अशोक वाटिका के बीच में है।

सीता टियर तालाब
कैंडी से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित नम्बारा एलिया मार्ग पर एक तालाब मौजूद है, जिसे सीता टियर तालाब कहते हैं। इसके बारे कहा गया है कि बेहद गर्मी के दिनों में जब आसपास के कई तालाब सूख जाते हैं तो भी यह कभी नहीं सूखता। आसपास का पानी तो मीठा है लेकिन इस का पानी आंसुओं जैसा खारा है। कहते हैं कि रावण जब सीता माता को हरण करके ले जा रहा था तो इसमें सीता जी के आंसू गिरे थे।

रावण के द्वारा बनाई गई सुरंगें
यहां रावनागोड़ा नाम की जगह है। इस जगह पर कई गुफाएं और सुरंगें हैं। ये सुरंगें रावण के शहर को अंदर ही अंदर जोड़ती थी। यहां के लोगों का मानना हैं कि कई सुरंगें तो साउथ अफ्रीका तक गई हैं, जिनमें रावण ने अपना सोना और खजाना छुपाया था। ये सुरंगें नेचुरल नहीं हैं, बनाई गई हैं।

जहां देवी सीता ने दी थी अग्नि परीक्षा
यहां की वेलीमड़ा नामक जगह पर डिवाउरूम्पाला मंदिर है। यह वहीं जगह है, जहां माता सीता ने अग्नि परीक्षा दी थी। स्थानीय लोग इस जगह पर सुनवाई करके, न्याय करने के का काम करते हैं। यहां मान्यता है कि जिस तरह इस जगह पर देवी सीता ने सच्चाई साबित की थी, उसी तरह यहां लिया गया हर फैसला सही साबित होता है।
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