चाइल्ड अब्यूज(बाल शोषण) की खबरें आए दिन मीडिया में देखने को मिल जाती है। ऐसे लगता है बच्चों के साथ ये अपराध अब बहुत ज्यादा बढ़ने लगे हैं या यों कहे की होते तो पहले से ही थे लेकिन इनसे पर्दा अब उठने लगा है।
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है की अकसर बाल शोषण को अंजाम वही देते हैं जिन पर आपको भरोसा होता है, जो आपके ही घर के लोग होते हैं। ये कोई नौकर हो सकता है, आपका टीचर, कोई पड़ोसी या कोई सगा सम्बंधी।
भारत में भी बाल यौन शोषण के अपराध बढ़ते ही जा रहे है। हाल ही में भारत के 13 राज्यों में हुए सर्वे के अनुसार हर दूसरा बच्चा यौन शोषण का शिकार है। इनमें से 53 प्रतिशत बच्चे इसे बयां नहीं कर पाते और मानसिक आघात से जूझते रहते हैं। ऐसी ही एक बच्ची की कहानी है ये जो अपना दर्द किसी से बयां नहीं कर सकती।
परिवार में किसी को पता भी नहीं चलता की उनके बच्चों के साथ क्या हो रहा है, वो किस परिस्थिति से गुजर रहें होते हैं और बच्चे भी डर के मारे ये बात सबसे छुपाते जाते हैं और बर्दाश्त किए जाते हैं। लेकिन इससे उन्हें मानसिक आघात पहुंचता है और वो सामान्य जीवन नहीं जी पाते।
ये शॉर्ट फिल्म भी ऐसे ही एक बच्ची (समैरा) की कहानी है जिसका शोषण घर का ही कोई सदस्य करता है लेकिन वो किसी से कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है और कोई भी उसकी बात को समझ नहीं पा रहा हैं, लेकिन उसकी चिखें आपको अंदर तक झकझोर कर रख देंगी।