हमें तो पॉर्न फिल्मों का शुक्रिया अदा करना चाहिए…

पिछले काफी समय से पोर्न और इस पर बैन लगाना एक गरमागर्म चर्चा का विषय रहा है। भारत में इंटरनेट के विस्तार के बाद पॉर्न भी अब उतना हौआ नहीं रहा, जो एक दशक पहले हुआ करता था। इस बात का सबूत है कि भारत इंटरनेट पोर्न का प्रयोग करने के मामले में तीन देशों में टॉप पर है।


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बीते साल सरकान ने पोर्न पर कुछ दिनों के लिए टम्‍प्रेरी बैन लगाया मगर विरोध के बाद यह बैन सिर्फ कुछ ही समय के बाद वापिस ले लिया गया। सरकार के पास पॉर्न पर पूरी तरह बैन लगाने का कोई फुल प्रूफ प्लान अभी तो नहीं हैं। मसला अब भी वहीं हैं जहां से शुरु हुआ था।
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पॉर्न ने लोगों के जहन में बनाई जगह2-porn

लोगों तक पहुँचने के लिए मेल नहीं किया गया। न ही गूगल या गेमिंग के जरिए पॉर्न लोगों तक पहुँचा है। इंटरनेट पॉर्न ने लोगों को ऑनलाइन जाने के लिए सबसे ज्‍यादा उत्‍साहित करता है। 1990 के दशक में जब इंटरनेट मेनस्‍ट्रीम की ओर बढ़ रहा था तब लोग सिर्फ ईमेल और किसी बेबसाइट पर जानकारी के लिए जाते थे। अब वक्त ऐसा आया है कि लोग अधिकांश समय पॉर्न या उससे संबंधित चीजें ढूंढते हैं। पॉर्न इंडस्ट्री के बीच इंटरनेट दिग्गजों विश्वास है कि वीडियो लंबे समय तक लोगों के जहन में खुद को जिंदा रख सकता है।


एचडी के लिए अच्‍छे इंटरनेट कनेक्‍शन की बड़ी मांग3-porn

पहले फ्लॉपी डिस्क, फिर सीडी, फिर डीवीडी, फिर पैन ड्राइव और अब पोर्टेबल हार्ड डिस्क पॉर्न के भंडारण के लिए इस्तेमाल होती हैं। बाजार में मांग इतनी थी कि लोगों ने इसको स्टोर करने शुरु कर दिया। डाउनलोडिंग इंटरनेट की स्लो स्पीड के कारण स्लो ही थी। सीडी-डीवीडी भी किराए पर रखी गई। मगर पॉर्न इंडस्ट्री में कई बदलाव ऐसे भी आए कि लोगों ने बेहतर इंटरनेट की चाहत रखी। हाई रेज्‍युलेशन, लंबे वीडियो और विस्तार से बनी कैटेगरी के कारण पॉर्न इंडस्ट्री में बड़ा बूम आया। यही कारण है कि लोग अप स्ट्रीमिंग स्पीड और डाउनलोडिंग स्पीड पर ज्यादा ध्याने देते हैं। साथ ही वाई-फाई, 3-जी और 4-जी में भी पॉर्न की खपत काफी ज्यादा है। इस वजह से हमें पॉर्न इडस्ट्री को थैंक्यू बोलना चाहिए…
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