जानें, पैरेंट्स के लड़ाई-झगड़े से बच्चों पर होने वाले ये असर



हम सभी अक्सर देखते हैं कि जिस घर में मां-बाप में लड़ाई-झगड़ा रहता हैं, उनके बच्चों का व्यवहार बहुत ही अलग होता हैं। बच्चा वही सीखता है, जो उसकेघर में होता है। अगर पैरेंट्स आपस में सही से व्यवहार नहीं करते हैं, तो उनकेबच्चों को बहुत सी समस्याअों का सामनाकरना पड़ता है। जैसे कि बच्चों को बचपन में ही तनाव होना। इसलिए एेसे पैरेंट्स को बच्चों के सामने झगड़ा नहीं करना चाहिए। पैरेंट्स एक कमरे में बैठ कर अाराम से अपने झगड़े को निपटा लें, ताकि उनके बच्चे मानसिक रूप से बीमार न हों। तो अाइए जानते हैंपैरेंट्स के लड़ाई-झगड़े से बच्चों पर होने वाले ये असर। - डिप्रेशन हो जानाअगर किसी घर में मां-बाप लड़ाई-झगड़ा करते रहें तो उनके बच्चे अक्सर डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। एेसे बच्चों को प्यार अौर मां-बाप के साथ ही बहुत ज्यादा जरूरत होती हैं।- भय में जीनामां-बाप के लड़ाई-झगड़े में वह अपने बच्चे तो भूल जाते हैं। इसी वजह से बच्चे डर के साएं में जीने लगते है अौरवह अपने मन की बात किसी से भी नहीं कह पाते। - मानसिक रूप से परेशान ज्यादातर देखा गया हैं कि पेरेंट्स में हर वक्त झगड़े की वजह से बच्चों केमानसिक पर बहुत ज्यादा बूरा असर पड़ताहै। बच्चे हर वक्त परेशान रहते हैं।पढ़ाई ठीक ढग से भी नहीं कर पाते क्योंकि वह हमेशा चिंता और रोते-धोते माहौल में रहते हैं।- जिंदगी में बहुत कुछ खोनाजिस घर में हर समय कलह रहती है, वहां पररहने वाले बच्चों का मानसिक विकास अच्छे से नहीं हो पाता। जिसकी वजह से वह बच्चे बचपन की काफी मस्तियों को खो देते हैं। उन्हें अपने मां-बाप का प्यार भी नहीं मिल पाता।- एक समस्या समझने लगते हैंघर में कलह रहने के कारण कुछ बच्चों कोलगता हैं कि उनकी वजह से ही घर में लड़ाई-झगड़ा होता हैं। एेसे में वह बच्चा खुद को ब्लेम करना हैं जो कि उसके लिए सबसे घातक होता है।- भरोसा एेसे बच्चे किसी पर भी भरोसा नहीं कर पाते। अगर कोई उन्हें प्यार देता है तो उसमें भी उन्हें फरेब दिखता है। - गुस्सैल होनालड़ाई-झगड़े वाले माहौल में बच्चे की परवरिश में वह हमेशा गुस्सैल हो जाता है। एेसे में उसका व्यवहार बदल जाता है, जिसके कारण उनकी जीवनशैली और अन्य बातों पर भी बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है।
-Punjab kesari
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